रुड़की।पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन के शहीद दिवस पर नगर में पूर्व की भांति मातमी जुलूस तथा नोहाखानी के माध्यम से उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।शिया समुदाय का मातमी जुलूस इमली रोड इमामबाड़े से होता हुआ करबला पहुंचा,जहां ताजिए को दफन किया गया।इस अवसर पर विभिन्न अखाड़ों के माध्यम से भी इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।इमली रोड पर अंजुमन अखाड़ा की तरफ से अखाड़े की ओर से श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई,जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) मुफ्ती शमुन कासमी ने कहा की इमाम हुसैन की शहादत इंसानियत और सच्चाई पर चलने वालों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करती है।उन्होंने कहा कि अपने वतन से मोहब्बत तथा मानवता की रक्षा को हजरत इमाम हुसैन ने अपना आदर्श मानकर अपने कुर्बानी दी,जिसको चौदह सौ साल बाद भी आज याद किया जा रहा है।मोहर्रम अखाड़ा परिषद के संरक्षक प्रोफेसर अफजल मंगलौरी ने कहा कि मोहर्रम का जुलूस हो या कावड़ यात्रा हो इन अवसरों पर रुड़की के हिंदू-मुस्लिम भाई आपस में मिलकर एक दूसरे के साथ सद्भाव और सहयोग का वातावरण बनाते हैं,जो हमारे प्रदेश व देश की पहचान है।इस दौरान पर समाजसेवी ईश्वर लाल शास्त्री,सलमान फरीदी,ओमप्रकाश,हाजी अकरम,प्रोफेसर सोहराब अली,मोहसिन अल्वी,तनवीर कुरैशी,सैयद नफीसुल हसन,शिवम शास्त्री,विकास वशिष्ठ आदि ने मुख्य अतिथि मुफ्ती शमुन कासमी का सम्मान किया।मुख्य अतिथि मुफ्ती शमुन कासमी ने इन खलीफाओं को पगड़ी बांधकर किया सम्मानित किया।मोहम्मद मोहम्मद आलम,उस्ताद मोहम्मद राशिद,मोहम्मद इरशाद, उस्ताद,मोहम्मद इमरान खलीफा,मोहम्मद रिजवान खलीफा,मोहम्मद नईम खलीफा,मोहम्मद शहजेब,खलीफा मोहम्मद आफताब,खलीफा मोहम्मद शाहरुख,खलीफा खलीफा मोहम्मद शादाब,खलीफा मोहम्मद मन्नू,खलीफा,मतीन,मोहम्मद सलीम,खलीफा मोहम्मद नसीम,मोहम्मद जमाल,मोहम्मद इनामुल्लाह,मोहम्मद तनवीर,मोहम्मद अयान,मोहम्मद अमीन,मोहम्मद अकदस आदि।


